------ कबीरवाणी ------
माटी का एक नाग बनाके ------
पुजे लोग लुगाया,
जिंदा नाग जब घर में निकले ------
ले लाठी धमकाया.
जिंदा बाप कोई न पुजे ------
मरे बाद पुजवाया,
मुठ्ठी भर चावल लेके ------
कौवे को बाप बनाया.
यह दुनिया कितनी बावरी है ------
जो पत्थर पुजे जाए,
घर की चकिया कोई न पुजे ------
जिसका पिसा खाए.
------ संत कबीर ------
माटी का एक नाग बनाके ------
पुजे लोग लुगाया,
जिंदा नाग जब घर में निकले ------
ले लाठी धमकाया.
जिंदा बाप कोई न पुजे ------
मरे बाद पुजवाया,
मुठ्ठी भर चावल लेके ------
कौवे को बाप बनाया.
यह दुनिया कितनी बावरी है ------
जो पत्थर पुजे जाए,
घर की चकिया कोई न पुजे ------
जिसका पिसा खाए.
------ संत कबीर ------
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