Wednesday 18 March 2015

 हिम्मत है तो कोई यह शेर अपनी पत्नी को सुनाये
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तुम्हारे हुस्न का हुक्का तो कब का बुझ चुका,
वो तो हम हैं जो गुडगुडाए जा रहे हैं।

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